भ्रामरी प्राणायाम हिंदी में । Bhramari Pranayama In Hindi.
भ्रामरी शब्द भ्रमर से आया है, जिसका अर्थ भारतीय काली मधुमक्खी होता है। जिसे भ्रामरी मधुमक्खी भी कहते हैं। इसको अंग्रेजी में Humming bee Breathing भी कहते हैं। इस भ्रामरी प्राणायाम में श्वास को छोड़ते समय आवाज भ्रामरी मधुमक्खी के समान होती है
मानसिक तनाव से संबंधित समस्याओं को दूर करने में यह भ्रामरी प्राणायाम बहुत ही लाभकारी होता है।
आइये आज हम भ्रामरी प्राणायाम के बारे में जानें---
भ्रामरी प्राणायाम करने की विधि :
भ्रामरी प्राणायाम को करने के लिए सर्वप्रथम किसी साफ व समतल जगह पर बैठ जाएं।
किसी आराम व सुखासन स्थिति में बैठ जाएं।
अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाकर कंधे के बराबर लें जाए।
दोनों हाथों के तर्जनी उंगली से दोनों कानों को बंद कर लें।
अब मुँह बंद कर लें, और नाक से श्वास लीजिए।
श्वास नाक से छोड़ते हुए मुँह बंद रखते हुए ऊँ का उच्चारण करें।
इसका अभ्यास 3-5 बार से करते हुए5 मिनट तक बढ़ाए।
भ्रामरी प्राणायाम करने के लाभ :
इसे करने से दिमाग तेज व स्मरण शक्ति बढ़ता है।इसको करने से आत्मविश्वास बढ़ता है।
इसका अभ्यास करने से एकाग्रता भी बढ़ता है
यह प्राणायाम चिंता व क्रोध को कम करता है।
इसका अभ्यास नियमित करने से आवाज मधुर होता है।
Thyroid की समस्या में भी इसे करने से लाभ मिलता है।
इसको करने से सिर दर्द व माइग्रेन में लाभ होता है।
Jbjk
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