कब्ज की सरल चिकित्सा - Yoga For Constipation - kabaj_ki_saral_Chikitsa.
कब्ज की सरल चिकित्सा - Yoga For Constipation - kabaj_ki_saral_Chikitsa.
आज असंख्य रोगों का जड़ कब्ज है-आज Yoga For Constipation - kabaj_ki_saral_Chikitsa के बारे में जानेंगे, आधुनिक जीवन में सबसे अधिक प्रचारित बीमारी में कब्ज या कोष्ठबद्धता है।
वृद्ध, युवक और शिशु सभी उम्र के लोगों के परेशान क्र रखा है।
Yoga For Constipation - kabaj_ki_saral_Chikitsa एक तरह से पाचन संसथान के निचले हिस्से में होने वाली समस्या है। कब्ज की समस्या में हमारे शरीर से जो ठोस मल बाहर निकलता है, वह थोड़ा कम और निकलने की प्रक्रिया धीमी होने लगती है। उत्तम स्वस्थ व् स्वस्थ जीवनशैली जीने के लिए यह जरूरी है की नियमित पर्याप्त मात्रा में शरीर के अंदर से मल का निष्कासन सही हो।
कब्ज केवल शरीरिक नहीं होता है, बल्कि मानसिक भी होता है।
ऐसा व्यक्ति जिसकी दिनचर्या व्यवस्थित न हो।
निष्क्रिय व्यक्ति जैसा जीवनचर्या हो।
कब्ज के लिए सुझाव :
- प्रतिदिन सुबह उठने के पश्चात ऊषापान करें।
- प्रतिदिन अधिक मात्रा में पानी पियें।
- दिन में कमसे कम ८-१० ग्लास पानी पियें।
- प्रतिदिन निश्चित समय पर शौच के लिए जाएँ।
- भोजन के तुरंत बाद पानी न पियें।
- नियमित शारीरिक व्यायाम करें।
कब्ज का कारण :
आज तक कब्ज कोकोई निश्चित परिभाषा दें संभव नहीं हो पाया है।
क्योंकि विभिन्न देशों की जलवायु, संस्कृति, आहार एवं व्यक्ति के आंतो की क्रियाशीलता में अंतर होता है।
इसी कारण से इसका कोई निश्चित नियम नहीं हो सकता है।
आज के समय में अधिकतर लोग कब्ज को अपने जीवन में स्वीकार कर लिया है।
इस कब्ज को अपने जीवन में सालों से सहना कर रहे है और इस पर ठीक तरह से ध्यान नहीं देते है।
जिससे बहुत से अन्य समस्या से ग्रसित होते चले जा रहे है।
आज के समय में इस दुर्दशा के कई अन्य कारण भी है -
क्योंकि विभिन्न देशों की जलवायु, संस्कृति, आहार एवं व्यक्ति के आंतो की क्रियाशीलता में अंतर होता है।
इसी कारण से इसका कोई निश्चित नियम नहीं हो सकता है।
आज के समय में अधिकतर लोग कब्ज को अपने जीवन में स्वीकार कर लिया है।
इस कब्ज को अपने जीवन में सालों से सहना कर रहे है और इस पर ठीक तरह से ध्यान नहीं देते है।
जिससे बहुत से अन्य समस्या से ग्रसित होते चले जा रहे है।
आज के समय में इस दुर्दशा के कई अन्य कारण भी है -
दिनचर्या में को क्रियाशिलता का न होना :
खास तौर पर वे लोग जो ऑफिस में ज्यादा देर तक बैठकर काम करते है।
ज्यादा देर तक बैठ कर काम करने से शरीर के मांसपेशियों के अकरण, आँतों में शिथिलता और रक्त के प्रवाह में कमी के कारण शरीर के अंदर के रोग प्रतिरोधक क्षमता कई के कारण होता है।
ज्यादा देर तक बैठ कर काम करने से शरीर के मांसपेशियों के अकरण, आँतों में शिथिलता और रक्त के प्रवाह में कमी के कारण शरीर के अंदर के रोग प्रतिरोधक क्षमता कई के कारण होता है।
दिनचर्या में योग का समावेश का न होना :
अधिकांश व्यक्ति अपने दिनचर्या में दिनचर्या में इतने अधिक व्यस्त होते है कि वे लोग कुछ समय के लिए टहलना या योग व् व्यायाम करना भी पसंद नहीं करते है।
इसका कारण है किसी को इसमें रूचि नहीं है और कोई इसे करना पसंद नहीं करते है।
इसी के परिणामस्वरूप पाचनक्रिया धीमी होने लगती है और कब्ज जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है।
इसका कारण है किसी को इसमें रूचि नहीं है और कोई इसे करना पसंद नहीं करते है।
इसी के परिणामस्वरूप पाचनक्रिया धीमी होने लगती है और कब्ज जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है।
खान पान का सही न होना :
कब्ज का होना यह बताता है कि हमारे आहार में वो सभी चीजे शामिल नहीं है, जो पाचन तंत्र से निष्कासित मल को सही तरिके से बाहर निकलने में मदद करता है।
जिसमें पर्याप्त मात्रा में हरी साग- सब्जियाँ, फल और रेशेयुक्त पदाथ का होना आवश्यक है।
जिसमें पर्याप्त मात्रा में हरी साग- सब्जियाँ, फल और रेशेयुक्त पदाथ का होना आवश्यक है।
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