शरीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए योगासन । sharirik kamjori dur karne ke upay in hindi.
खान-पान का असंतुलित होना, जिससे हमारा पाचन तंत्र का असंतुलन होना,अस्त-व्यस्त जीवनशैली का होना शरीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए योगासन - sharirik kamjori dur karne ke upay in hindi.
इसका मुख्य कारण है अस्त- व्यस्त जीवनशैली व असंतुलित खान-पान का होना। इस थकान को दूर करने के लिए हमलोग क्या-क्या नहीं करते व क्या-क्या नहीं खाते हैं। और न जाने कितने डॉक्टरों से सलाह लेते हैं।
हमसब को यह जानना जरूरी है कि हम सभी का जीवन भीतरी जीवनशक्ति से चलता है। जीवनीशक्ति के ह्रास होने का मुख्य कारण है-
- हमलोग ऐसे और इतना सोचते है की चिंता का शिकार हो जाते हैं।
- खान-पान का असंतुलित होना, जिससे हमारा पाचन तंत्र का असंतुलन होना।
- अस्त-व्यस्त जीवनशैली का होना।
इस तरह के शरीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए सर्वप्रथम अपने आहार को संतुलित करें। इसके उपरांत अपने मानसिक स्थिति को सही रखने के लिए अच्छे पुस्तकों का स्वाध्याय करें। इसके साथ-साथ अपने शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए कुछ योगासन नियमित करना चाहिए।
इन सभी को करने से आप इन शरीरिक व मानसिक कमजोरी को दूर कर स्वस्थ व प्रसन्न बने रह सकते हैं।
नीचे हम कुछ योगासन बता रहे हैं इसे नियमित अवश्य करें--
तितली आसन:
तितली आसन को करके अपने दोनों जांघो के अतिरिक्त चर्बी को कम कर सकते हैं।इस तितली आसन को करने के लिए दोनों पैरों के तलवे को आपस मे सटाकर तितली के पंख के समान ऊपर नीचे किया जाता है।
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शशांकासन:
शशांकासन को करने से क्रोध, भय आदि भावनात्मक असंतुलन को कम किया जा सकता है।इस आसन को करने के लिए सर्वप्रथम वज्रासन में बैठ जाएं।
अब श्वास लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं।
फिर श्वास छोड़ते हुए दोनों हाथ व कमर से ऊपर के भाग को आगे की ओर नीचे झुकाए।
अपने नितंब को ऊपर न उठाएं।
ललाट व हाथ के कोहनी से आगे का भाग को जमीन से स्पर्श कराएं।
श्वास लेना व छोड़ना करते रहें।
पश्चिमोत्तानासन:
यह आसन हमारे पाचन क्रिया को तीव्र करता है। साथ ही हमारे अंदर के तनाव को भी दूर करने में सहायक होता है।
इसे करने के लिए सर्वप्रथम जमीन पर बैठकर दोनों पैरों को सामने की ओर करें।
अब कमर से ऊपर के भाग को श्वास छोड़ते हुए आगे की ओर झुकाए।
दोनों हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे को छूने का प्रयास करें।
श्वास लेना व छोड़ना करते रहें।
पश्चिमोत्तासन के बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करें ।
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कपालभाती:
इसका नियमित अभ्यास करने से फेफड़े का कार्य करने की क्षमता बढ़ता है। साथ ही स्मरण शक्ति बढ़ता है।इसे करने के लिए किसी सुखासन में आराम पूर्वक बैठ जाएं।
दिनों नथुनों से श्वास को बाहर छोड़े।
श्वास को बाहर छोड़ते समय पेट को अंदर की ओर धक्का देते रहे।
इसमें श्वास लेने नहीं है, श्वास अपने आप ही अंदर आ जाता है।
भ्रामरी प्राणायाम:
इस भ्रामरी प्राणायाम को करने से मन शांत व शारीरिक थकान दूर होता है। यह मन के अंदर के निराशा को भी दूर करता है।इसे करने के लिए किसी सुखासन में बैठ जाएं
दोनों हाथों के तर्जनी उंगली से दोनों कानों को बंद करें।
अब नाक से श्वास अपने अंदर भरें।
मुँह को बंद रखें व म शब्द का उच्चारण करें।
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